एडीजे कोर्ट का फैसला, 14 गवाहों के बयान व 50 वस्तुओं के सबूत
बेधड़़क इंडिया. सुजानगढ़. एडीजे कोर्ट ने शुक्रवार को करीब साढ़े पांच साल पुराने हत्या के मामले में भतीजे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एडीजे महेंद्रप्रताप भाटी ने सजा सुनाते हुए 10 हजार रुपए का जुर्माना व नहीं अदा करने पर छह माह का फैसला दिया है।
अपरलोक अभियोजक राजकीय अधिवक्ता डॉ. करणीदान चारण ने बताया कि 20 मई 2018 की शाम आठ बजे गांव सारोठिया में 27 वर्षीय मुल्जिम कालूराम पुत्र गोपीराम ने 43 वर्षीय धर्माराम पुत्र गणपतराम प्रजापत निवासी सारोठिया की चाकू से वार कर हत्या कर दी थी। अभियोजन की ओर से 14 गवाहों के बयान करवाए गए। साथ ही 50 वस्तुओं के सबूत कोर्ट में पेश किए गए। इससे पहले मामले की जांच में आरोपी कालूराम के खिलाफ धारा 302 में चालान पेश कर 21 मई को उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
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ये था पूरा मामला
गौरतलब है कि सांडवा थाने में मृतक के पुत्र धर्माराम ने 21 मई 2018 को रिपोर्ट दर्ज करवाई कि थी कि उसके पिता गणपतराम घर के बार पान-पुड़िया का ठेला लगाते है। पास ही उसके ताऊ गोपीराम का घर है। जिनके घर में परचून की दुकान चलती है। दुकान व ठेले को लेकर आपस में विवाद होता था। 20 मई 2018 की शाम आठ बजे कालूराम पुत्र गोपीराम ने उसके पिता पर चाकू से वार कर गर्दन और छाती पर चोटे पहुंचाई। राजकीय बगड़िया अस्पताल सुजानगढ़ में इलाज के दौरान मौत हो गई।
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सांड के भड़कने से ठेला पलटने की रची कहानी
अंतिम बहस में आरोपी के वकील ने कोर्ट में कहा कि सांड के भड़कने से ठेला पलटने से गणपतराम की मृत्यु होने की कहानी रची गई। अपर लोक अभियोजक डॉ. करणीदान चारण ने कहा कि इस तरह ऐसी चोटे नहीं आ सकती। चारण ने प्रतिपक्ष द्वारा मृत्यु के संबंध में मनगढ़ंत कहानी का विरोध कर कहा कि मृतक गणपतराम के शरीर पर लगी चोटे सामान्य अनुक्रम में ठेला पलटने से नहीं आ सकती। जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए आरोपी को सजा सुनाई। खास बात ये थी कि कोर्ट में मृतक का बेटा धर्माराम की ओर से पूर्णतया पक्षद्रोही व मुकरने के बाद भी कोर्ट ने सजा सुनाई। मृतक की पत्नी पतासी देवी ने हत्या करने का पूरा बयान दिया। मृतक के शरीर पर चाकू के आठ वार किए गए थे।